नई तकनीक से बढ़ जाएगा तेल, कार्बन डाईऑक्साइड का उत्पादन

अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं ने एक नई तकनीक इजाद की है जिससे तेल के कुओं से न सिर्फ अधिक मात्रा में तेल का खनन किया जा सकेगा, बल्कि इस प्रक्रिया में कार्बन डाई ऑक्साइड का पृथक्करण भी अधिक मात्रा में किया जा सकेगा। पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने तेल उत्खनन के लिए इस रिकवरी तकनीक का प्रस्ताव पेश किया है जो मौजूदा ड्रिलिंग तकनीक से कहीं बेहतर है।

Technique that enhances oil recovery, sequesters CO2
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इस नई तकनीक का इस्तेमाल कर तेल कंपनियां किसी तेल भंडार का कई दशकों के दौरान 78 से 90 फीसदी तेल की निकासी कर सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा ड्रिलिंग तकनीक से किसी तेल भंडार का अधिकतम 50 से 60 फीसदी हिस्सा ही उत्खनित हो पाता है और औसतन मौजूदा भंडार का 35 फीसदी तेल ही उत्खनित हो पाता है।

मौजूदा ड्रिलिंग तकनीक में जहां धरातल से सीधे नीचे की ओर उत्खनन करते हुए तेल की निकासी की जाती है, वहीं नई तकनीक में उत्खनन धरातल के समानातंर किया जाता है। नई तकनीक में धरातल के समानांतर संभावित तेल भंडार की ओर 4,000 मीटर तक ड्रिलिंग की जा सकती है।

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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस इंजिनीयरिंग के प्रोफेसर रसेल जॉन्स के अनुसार, “हमारी तकनीक का मुख्य आधार यह है कि यदि हम तेल भंडार में कार्बन डाई ऑक्साइड को सुपरक्रिटिकल तरल के रूप में इनजेक्ट कर सकें तो इससे तेल में मौजूद हल्के पदार्थ अलग हो जाएंगे, जैसे मीथेन। इससे तेल भंडार में मौजूद तरल पदार्थ की सघनता और चिपचिपापन कम हो जाता है।”

उन्होंने कहा, “इसके बाद तेल भंडार से पानी और तेल निकलने लगता है और सबसे उत्साहजनक बात यह है कि तेल के कुएं की तली में कार्बन डाई ऑक्साइड से भरपूर तरल बैठ जाता है, जहां से तेल की निकासी की जा सकती है।”

अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने मेक्सिको की खाड़ी में मौजूद तेल भंडारों से हासिल किए आंकड़ों का विश्लेषण किया और उसके आधार पर एक कंप्यूटरीकृत प्रविधि विकसित की।  यह अध्ययन ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ग्रीनहाउस गैस कंट्रोल’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुई है।

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