आप सभी ने आइसबकेट चैलेंज और हरलेम शेक के बारे में सुना ही होगा या किया होगा, जोकि सोशल मीडिया की एक पैदावार थी। लेकिन इस बार इंटरनेट की दुनिया ने कुछ खतरनाक प्रोडक्ट इज़ाद कर दिया। हाल ही में मुम्बई के एक बच्चे ने ब्लू व्हेल ग़ेम के शिंकजे में फंसकर अपनी जान दे दी जिसके बाद से सारी दुनिया के ब्लू व्हेल ग़ेम सम्बंधी मामले सामने आने शुरू हो गए। ब्लू व्हेल ग़ेम एक खतरनाक खेल है जिसके डिजिटल डिवाइस पर खेलते-खेलते लोग अपनी जान दे देते हैं। ब्लू व्हेल ग़ेम के बारे में कुछ अन्य बातें निम्न प्रकार हैं:
क्या है ब्लू व्हेल ग़ेम चैलेंज
ब्लू व्हेल ग़ेम एक प्रकार का गेम है जोकि कोई ऐप या सॉफ्टवेयर नहीं है। ये किसी सोशल मीडिया के जरिए से रिक्वेस्ट ऐप के रूप में यूज़र के पास आता है। जिसे सिर्फ वही पर्सन डाउनलोड कर सकता है। आप इसे ऐप स्टोर या प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं कर सकते हैं। इसे कौन भेजता है, कहां से ये आता है… इसके बारे में आज तक किसी को कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इसका शिकार अक्सर
छोटे बच्चे या टीएनर्ज होते हैं। आप इसे ब्रेन वॉश कर देने वाला गेम भी कह सकते हैं जिसे खेलने के दौरान व्यक्ति अपनी सोच खो देता है और समझ न दिखाते हुए भूल करना शुरू कर देता है। इस खेल के कई सारे लेवल होते हैं जिन्हें पार करना होता है।
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कैसे खेलते हैं
- ब्लू व्हेल ग़ेम को सीक्रेट ग्रुप से भेजा जाता है जिसके बाद उस यूजर को टास्क मिलने शुरू हो जाते हैं। ये 50 टास्क होते हैं जिन्हें एक निर्धारित समय पर पूरा करना होता है।
- टास्क देने वाला क्यूरेटर होता है जिसका कोई वर्चुअल नाम होता है।
- हर टास्क को पूरा करने के बाद उसकी तस्वीर और वीडियो को क्यूरेटर के पास भेजना होता है।
- टास्क में डरावनी फिल्म को आधी रात के बाद देखना, जानवर को मारना, खुद की नस काटना आदि होते हैं। अंत में सुसाइड का टास्क मिलता है जिसमें आपको लास्ट पिक्चर क्लिक करके क्यूरेटर को भेजना होता है।
कितने लोगों की हुई मौत
ऐसा अनुमान है कि इसकी चपेट में आकर अब तक 100 बच्चों की मौत हो चुकी है। भारत में लगभग 2 से 3 मामले ऐसे सामने आ चुके हैं।
- बच्चों को कैसे रखें दूर –
बच्चों को डिवाइस न दें।
अगर वो कोई गेम खेलते हैं तो उनके साथ बैठें और देखें कि वो क्या कर रहे हैं।
बच्चे के काम पर निगरानी रखें। उसकी आदतों में होते बदलाव को देखें।