बचपन से हम सब को यही सिखाया गया है कि धरती गोल है और है भी लेकिन एक बड़ी गलती के चलते लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग साइट यूट्यूब ने दिखाया कि धरती सपाट है, और बहुत सारे लोगों ने यह मान भी लिया। जबकि सच्चाई यह है कि पांच शताब्दी पहले यह साबित हो चुका है कि धरती गोल है, जब यूरोप के खोजकर्ता फर्दिनान्द मैगलन ने 1519-1522 के बीच धरती का भ्रमण किया। अगर पृथ्वी का कोई किनारा होता तो यह यात्रा असंभव होती।
हालांकि, गूगल के स्वामित्व वाला यूट्यूब अब पृथ्वी के गोल होने के तथ्य को लोगों के मानने में योगदान कर रहा है। गार्जियन ने रविवार देर शाम को अपनी रिपोर्ट में कहा, “उनका संदेह तब उभरा जब उन्होंने उत्तरी कैरोलिना के रेलेगिह में 2017 के ‘फ्लैट अर्थर्स’ के वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया और इसके बाद बीते साल कोलोराडो के डेनवेर में भाग लिया।
टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी में शोध की अगुवाई करने वाले एशले लांड्रम ने धरती के चपटे होनी की अफवाह को बढ़ावा दिया है।