150 सालों से भी ज्यादा समय से चली आ रही मनी ऑडर की सेवा आज से बंद हो रही है। इसकी जगह अब उपभोक्ता इंस्टेंट मनी ऑडर सेवा का प्रयोग करेंगे यानी इंटरनेट की मदद से उनका पैसा पहंचाया जा सकेगा । 1854 में भारतीय डाक विभाग ने इस सेवा की शुरुआत की थी जब चिट्टियों की मदद से मैसेज दिए जाते थे। मनी ऑडर में उपभोक्ता अपना संदेश लिख कर भेजते थे जिसे पहूंचने में 2 से 3 दिन लग जाते थे।
इसके इतिहास पर नजर डालें तो मनी ऑडर की सेवा सबसे पहले इंग्लैंड में 1792 को शुरु की गई थी जो महंगी होने की वजह से ज्यादा चली नहीं मगर इसे 1836 में फिर से थोड़ा वाजिब दामों में लांच किया गया जिसके 18 साल बाद भारत में इसे शुरु किया गया।
कैसे काम करती है इंस्टेंट मनी सेवा
इंस्टेंट मनी ऑर्डर सेवा के तहत जैसे ही पैसा भेजने कोई डाक घर जाता है तो उसे एक कोड नंबर दिया जाता है। उस कोड नंबर को दूसरी पार्टी को फोन करके बताना होता है। फिर वह व्यक्ति डाक घर में कोड बता कर पैसा हासिल कर सकता है।