भारतीय मूल के कनाडावासी 16 वर्षीय अनमोल टुकरेल ने एक निजीकृत सर्च इंजन का निर्माण किया है, जो उनके दावे के अनुसार गूगल से 47 फीसदी बेहतर है। वेबसाइट ‘प्रेसएक्जामिनर डॉट कॉम’ के अनुसार, युवा टुकरेल ने अपने स्कूल प्रोजेक्ट के तौर पर इस सर्च इंजन को तैयार किया है और इसे गूगल विज्ञान मेला को भी भेजा है।
भारत के बेंगलुरू स्थित डिजिटल विज्ञापन एवं प्रौद्योगिकी कंपनी ‘आईसक्रीम लैब्स’ में इंटर्नशिप करने के दौरान टुकरेल के दिमाग में निजीकृत सर्च इंजन बनाने का विचार आया। उन्होंने इस आइडिया पर आगे काम करने का फैसला किया।
टुकरेल का कहना है कि यह सर्च इंजन दूसरे सर्च इंजनों के विपरीत उपयोगकर्ता के व्यक्तित्व को ध्यान में रखकर नतीजे दिखाता है, जबकि अन्य सर्च इंजन यूजर की लोकेशन और ब्राउजिंग हिस्ट्री के आधार पर परिणाम देते हैं।
टुकरेल के सर्च इंजन में हालांकि अभी न्यूयॉर्क टाइम्स में एक वर्ष के बीच प्रकाशित लेख ही संगृहीत हैं। टुकरेल ने एक कम्प्यूटर, एक पॉयथन लैंग्वेज डेवलपमेंट एनवायरमेंट, एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम की मदद से इस सर्च इंजन को तैयार किया है, जो गूगल और न्यूयॉर्क टाइम्स के उन एक वर्ष के लेखों को प्रदर्शित करता है।
सर्च इंजन की एक्यूरेसी की जांच करने के लिए टुकरेल ने सर्च को न्यूयॉर्क टाइम्स में एक वर्ष के भीतर प्रकाशित लेखों तक सीमित रखा है।