सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि को तब तक आगे बढ़ा दिया जब तक वह बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता पर अपना निर्णय नहीं देता।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में कहा, इससे समाज कल्याण योजनाओं के अंतर्गत लाभ के वितरण के साथ आधार को जोड़ने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह आदेश तब आया है जब याचिकाकर्ताओं में से एक वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार द्वारा न्यायालय को यह बताया गया कि पासपोर्ट जारीकर्ता विभाग ने पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है।
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इसके बाद अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने यह स्पष्ट करने की मांग की कि आधार की आवश्यकता मात्र तत्काल पासपोर्ट जारी करने के लिए अनिवार्य है। अदालत के आदेश ने पासपोर्ट जारी करने के विस्तार के लिए भी तिथि बढ़ा दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को बैंक खातों, मोबाइल फोन और अन्य सेवाओं को 31 मार्च तक आधार से जोड़ने का आदेश दिया था।