प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘ई-गवर्नेस’ को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए देश को सबसे पहले मोबाइल के बारे में सोचना होगा और सरकार को पहले ‘मोबाइल गवर्नेस’ को महत्व देना होगा। मोदी ने एक नई पहल करते हुए ट्विटर के जरिए 18वें नेशनल कांफ्रेंस ऑन ई-गवर्नेस को संबोधित किया और कहा, “मैं आपसे मोबाइल के जरिए अधिक से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीके तलाशने की अपील करता हूं। आइए, हम अपने मोबाइल फोन पर दुनिया को ले आएं।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जब हम ‘ई-गवर्नेस’ की तरफ देखते हैं, तब हमें मोबाइल के बारे में पहले सोचना चाहिए और फिर ‘मोबाइल गवर्नेस’ को महत्व देना चाहिए।”
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मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार, सेना, अकादमिक, उद्योग और निजी क्षेत्रों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ सम्मेलन किए जा रहे हैं, जबकि इस साल का थीम डिजिटल गवर्नेस, कौशल विकास और रोजगार की क्षमता पर आधारित है।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञानवर्धक अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण के साथ डिजिटल भारत के सपने साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में शिरकत करना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया, इसलिए उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मुझे लगा कि उपस्थित न होने के बावजूद मैं किस प्रकार आपसे जुड़ सकता हूं। इसलिए मैंने इस माध्यम के जरिए आपसे बात करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की युवा ऊर्जा को सिर्फ कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के जरिए ही गति दी जा सकती है।
उन्होंने कहा, “देश में मौजूद युवाओं से भरी ऊर्जा, हमें पुरस्कार में मिली पूंजी है। प्रौद्योगिकी के जरिए कौशल विकास को गति देना महत्वपूर्ण है। जिस मानक और तेजी से हम भारत को विकास की यात्रा पर ले जा सकते हैं, उसके लिए नई प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक और बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जरूरत है।”