हैकर आए दिन लाखों कंप्यूटरों और सर्वरों को हैक करते हैं, इससे बचने के लिए कंपनियों को हर साल करोड़ों रुपए साइबर सिक्योरिटी पर लगाने पड़ते हैं, भले ही हमारे पर्सनल पीसी में हैकरों का खतरा कम हो लेकिन वॉयरस और मालवेयर पीसी की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
इससे बचने के लिए हम पीसी में एंटीवॉयरस इंस्टॉल करते है, लेकिन क्या कभी आपने ध्यान दिया है एंटीवॉयरस पूरी तरह से आपके पीसी को प्रोटेक्ट नहीं करते, इसके लिए पीसी में इंटरनेट सिक्योरिटी भी होनी चाहिए जो वेब ब्राउजिंग के समय आपके पीसी को वॉयरस से सुरक्षित रखें ।
एंटीवॉयरस और इंटरनेट सिक्योरिटी में क्या अंतर है
ये एक ऐसा सवाल है जिसे लेकर काफी लोग कंफ्यूज रहते हैं, इंटरनेट सिक्योरिटी और एंटीवॉयरस दोनों ही कंप्यूटर को प्रोटेक्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हालाकि इन दोनों में थोड़ा अंतर है जैसे एंटीवॉयरस आपके पीसी में मौजूद उन वॉयरस को खत्म करता है जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं जबकि इंटरनेट सिक्योरिटी आपके पीसी को इंटरनेट से आने वाले खतरों से बचाता है जैसे इंटरनेट बैंकिंग के दौरान आप सुरक्षित तरीके से अपने पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, ऑनलाइन आपके पीसी को कोई हैक नहीं कर सकता है।
वहीं एंटीवॉयरस इंस्टॉल होने से आपके पीसी को बाहरी मालवेयर और वॉयरस से बचाया जा सकता है जैसे पेन ड्राइव में अगर कोई वॉयरस है तो आपका एंटीवॉयरस उसे एलर्ट कर देगा या फिर आप कोई वॉयरस वाला कनेक्शन पीसी में अटैच कर रहे हैं।
क्या बेस्ट है
ये आपके वर्क पर डिपेंड करता है, जैसे अगर आप ऑनलाइन सारा काम करते हैं तो इंटरनेट सिक्योरिटी सबसे बेस्ट है तो आपको हैकरों और फिशिंग से फुल पोट्रेक्शन देता है। लेकिन अगर आप ऑफलाइन सारा काम करते हैं और पेन ड्राइव के अलावा यूएसबी से डेटा ट्रांसफर करते हैं तो एंटीवॉयरस इंस्टॉल करें दोनों के दाम लगभग बराबर ही रहते हैं।